कबीर विरचित दुलहिनी गावहु मंगलाचार, हम घर आयेहु राजा राम भरतार जैसे पद किस श्रेणी में रखे जा सकते हैं?
Mohammed
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भक्तिकाल के कवि MCQ
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भक्तिकाल के कवि MCQ
2 years agoAdd Commentby Harish
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Topic :- भक्तिकाल के कवि MCQ
1.) आचार्य शुक्ल ने निर्गुण मार्ग का निर्दिष्ट प्रवर्तक किसे माना हैं[A] रामानन्द [B] नामदेव [C] कबीर [D] ज्ञानदेव
Answer :- C2.) ज्ञान समुद्र’ के रचनाकार का नाम बताइए[A] हरिदास निरंजनी [B] गुरूनानक [C] सुंदरदास [D] पीपा
Answer :- C3.) इनमें से दादूदयाल का शिष्य कौन-सा कवि हैं[A] कबीर [B] नानक [C] हरिदास [D] सुंदरदास
Answer :- D4.) कबीर विरचित दुलहिनी गावहु मंगलाचार, हम घर आयेहु राजा राम भरतार जैसे पद किस श्रेणी में रखे जा सकते हैं[A] शृंगार रस
[B] लोकाचार संबंधी ज्ञान
[C] परम्परा पोषक
[D] भावात्मक रहस्यवाद
Answer :- D5.) कबीर की समस्त रचनाओं का सम्पादन किस ग्रंथ में हुआ हैं[A] कबीर वाणी [B] साखी [C] सबद [D] बीजक
Answer :- Bकेंद्र शासित प्रदेश MCQ
6.) कबीर परिचई’ के लेखक कौन हैं[A] रैदास [B] अनन्तदास [C] धन्ना [D] पीपा
Answer :- C7.) रज्जब ने दादू की रचनाओं का संपादन किस नाम से किया[A] हरणे बानी [B] सोहिला [C] अंगबधू [D] जपूजी
Answer :- C8.) नामदेव जी की भक्ति किस प्रकार की थी[A] सगुण [B] निर्गुण [C] सगुण-निर्गुण [D] कोई नहीं
Answer :- A9.) निर्गुण ब्रह्मा को कियो समाधु, तब ही चले कबीरा साधु।’’ उपर्युक्त पंक्तियांे के रचनाकार कौन से संत कवि हैं[A] दादू [B] कबीर [C] रैदास [D] धर्मदास
Answer :- B10.) कबीर की मृत्यु के पश्चात उनकी गद्दी किसे मिली[A] धर्मदास [B] पीपा [C] दादू [D] रैदास
Answer :- Aअगर आपको हमारी क्विज सीरीज अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले और इसमें कुछ भी कमी है तो आप कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं
E Book Buy NowFollow Our Social Media Join Our What's App GroupDownload Mobile AppJoin Our Telegram ChannelFollow Google NewsSubscribe Our YouTube ChannelJoin Our Facebook GroupFollow On Instagram Follow On Twitterकबीर के पद Kabir ke Pad ~ Hindi greema
कबीर के पद,श्यामसुन्दर दास द्वारा संपादित कबीर ग्रन्थावली,कबीर ग्रन्थावली, सबद, assistant professor, Kabir ke Pad
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कबीर के पद KABIR KE PAD
कबीर के पदमई 19, 2021 Kabir ke Pad
कबीर ग्रन्थावली (सं. श्यामसुन्दर दास)
कबीर दास जी कहते हैं कि हे सुहागिन नारियो । अब तुम विवाह के अवसर पर गाए जाने वाले मंगलमय गीत को गाओ क्योंकि आज मेरे घर में मेरे पति रूपी राजा राम अर्थात परमात्मा आए हैं । मेरा तन और मन दोनों ही उनके प्रेम या आसिक्त मैं लीन हो गए हैं । पाँचों तत्व - (पृथ्वी , आकाश , अग्नि , पानी व वायु ) राजा राम के साथ बराती बन कर आए हैं । रामदेव अर्थात परमात्मा मेरे यहाँ पर अतिथि बन कर आए हैं और मैं अपने यौवन अर्थात उनकी भक्ति में मदमस्त हो गई हूँ । मैं अपने शरीर रूपी कुण्ड को विवाह की वेदी बना कर इस विवाह की परिक्रमाएं पूरी करूंगी । मेरा जीवन धन्य है अर्थात यह मेरा सौभाग्य है कि मेरा व परमात्मा का मिलन हो रहा है । मेरे व परमात्मा के इस विवाह अर्थात मिलन को देखने के लिए तैतीस करोड देवी देवता और अठ्यासी हजार मुनिजन यहाँ पर आए हैं । कबीर दास जी कहते हैं कि इस प्रकार मेरी आत्मा उस एक अविनाशी पुरूष अर्थात परमात्मा के साथ विवाह करके जा रही है ।
( 2 ) बहुत दिनन थे में प्रतिम पाये , भाग बड़े घरि बैठे आये ।। टेक ।। मंगलाचार माहि मन राखों , राम रसांझणा रसना चाी । मंदिर मोहि भयो उजियारा , ले सूती अपनी पीव पियारा ।।मैं रनि रासी जे निधि पाई , हमाहि कहाँ यह तुमहि बड़ाई । कहै कबीर मैं कुछ न कीन्हा सखी सुहाग राम मोहि दीन्हा ।। व्याख्याकबीरदास जी कहते हैं कि मेरी आत्मा रूपी प्रेमिका को बहुत दिनों के बाद अपने प्रियतम अर्थात परमात्मा से मिलने का अवसर मिला है । यह मेरे परम सौभाग्य की बात है कि आज वह प्रियतम बिना किसी प्रयास के ही मिल गया क्योंकि वह स्वयं मेरे घर अर्थात मेरे पास आया है । आत्मा व परमात्मा के इस महामिलन के अवसर पर मेरा मन मंगलाचार कर रहा है और मेरी जीभ राम रूपी रसायन के स्वाद को चख रही है । कहने का तात्पर्य यह है कि आत्मा व परमात्मा के मिलन के अवसर पर भक्त के हदय में असीम आनंद है और वह बार - बार उस परमात्मा के नाम का ही स्मरण कर रहा है । कबीर दास जी कहते हैं कि अब मेरे मन रूपी मंदिर में ज्ञान व प्रेम के प्रकाश से उजाला हो गया है और मेरी सतीरूपी आत्मा अपने प्यारे प्रियत्तम के साथ मिलन के सुख का आनंद उठा रही है । कबीर दास जी कहते हैं कि परमात्मा के मिलन से जो निधियाँ अर्थात सुख मुझे मिले हैं , उनकी मैं तुमसे कहाँ तक प्रशंसा कर अर्थात उन सुखों का वर्णन नहीं किया जा सकता । कबीर दास जी कहते हैं कि परमात्मा के साथ होने वाले इस मिलन में मेरा कोई योग नहीं है । यह तो मेरे प्रियतम राम ने अनुकम्पा करके मुझे इस महामिलन के अवसर को प्रदान किया है ।
( 3 ) अब तोहि जान न देहू राम पियारे , ज्यू भाव त्यू होह हमारे ।। टेक ।। बहुत दिनन के बिछूरे हरि पाये , भाग बड़े घरि बैठे आये ।। चरननि लागिं करौं बरियायी , प्रेम प्रीति राखों उरझाई । इत मन मंदिर रही नित चोप , कहै कबीर परहु मति घोष ।।व्याख्याहे प्रियतम राम । अब मैं तुम्हें जाने नहीं दूंगी । तुम्हें जिस प्रकार से भी अच्छा लगे या जैसे तुम चाहो , वैसे तुम मेरे ही बनकर रहो । हे परमात्मा । मैंने बहुत दिनों तक तुम से बिछुड़कर अर्थात तुम से दूर रह कर अब फिर से प्राप्त किया है । यह मेरा परम सौभाग्य है कि अब तुम मुझे घर बैठे ही प्राप्त हो गए अर्थात तुम्हें पाने के लिए मुझे कहीं न तो जाना पड़ा और न ही कार्य करना पड़ा । अब तो मैं तुम्हें बलपूर्वक रोक कर तुम्हारी हर सम्भव सेवा करूंगी और तुम्हें अपने प्रेम व स्नेह के जाल में उलझा कर रखूगी ताकि तुम मुझे छोड़कर न चले जाओ । हे प्रियतम राम ! अब तुम मेरे मन रूपी मंदिर में भली प्रकार से रहो और मुझे छोड़कर कहीं और जाने के धोखे में मत पड़िए ।
( 4 ) मन के मोहन बीदुला , यह मन लागी तोहि । चरन कवल मन मौनिया , और न मा मोहि रे ।।टेक ।। घट दल कंवल निवासिया , चहुं की फेरि मिलाई रे । वहूँ के बीधि समाधियाँ , तहाँ काल न पारी आरे ।। अष्ट कंवल बल भीतरा , तहाँ श्रीरंग केलि कराइरे ।सतगुरू मिले तो पाइये , नहि ती जन्म अक्यारथ जाइ रे ।। कदली कुसुम बल भीतरी , तहाँ दस औगुल का बीच रे । तहाँ दुवादस खोजि ले जनम होत नहीं मीच रे ।। बंक नालि के अंतर , पछिम दिसों की बाट रे । नीमर मर रस पीजिये , तहाँ मेवर गुफा के घाट रे ।। त्रिवेणी मनाइ न्हवाइए सुरति मिले जो हाथि रे । तहाँ न फिरि मध जोइए सनकादिक मिलि है साथि रे ।। गगन गरजि मध जोइसे , तहाँ दी तार उनंत रे । बिजुरी चमकि धन बरपि है , तहाँ भजित है सब संत रे ।। पोडस केवल जब चेतिया , तब मिलि गये श्री बनवारी रे ।Hindi literature question quiz 4
दोस्तो आज आप हिंदी साहित्य में भक्तिकाल विषय पर hindi literature question quiz 4 से अपना मुल्यांकन करें ,इनके उत्तर नीचे दिए गए है |
Hindi literature question quiz 4 ||हिंदी साहित्य || भक्तिकाल
Author: केवल कृष्ण घोड़ेला | On:2nd Aug, 2020| Comments: 0
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दोस्तो आज आप हिंदी साहित्य में भक्तिकाल विषय पर Hindi literature question quiz 4 से अपना मुल्यांकन करें ,इनके उत्तर नीचे दिए गए है |
hindi literature question quiz 4
हिन्दी साहित्य मिशन
प्रश्न संख्या: 50 टेस्ट – 4 भक्तिकाल (निर्गुण संत काव्य) पूर्णांक: 100
1. आचार्य शुक्ल ने भक्ति आन्दोलन के उदय का कौन-सा प्रमुख कारण इनमें से माना हैं:
(अ) ईसाई धर्म का प्रभाव
(ब) हिन्दुओं की पराजित मनोवृत्ति✔️
(स) गीता की भक्तियोग
(द) इनमें से कोई नहीं
2. आलवार भक्तों का मूल स्थान कहाँ था:
(अ) उत्तर भारत (ब) पूर्वाेत्तर भारत
(स) दक्षिण भारत✔️ (द) सम्पूर्ण भारत
3. आचार्य शुक्ल ने भक्तिकाल की समय सीमा क्या मानी हैः
(अ) सम्वत् 1050 से 1375 वि.
(ब) सम्वत् 1375 से 1700 वि.✔️
(स) 1350 ई. से 1650 ई.
(द) सम्वत् 750 से 1050 वि.
4. आलवार भक्तों की संख्या कितनी मानी गई हैं:
(अ) 8 (ब) 10 (स) 12✔️ (द) 16
5. भक्ति भावना का मूल स्त्रोत भारत के किस भाग में माना गया हैं:
(अ) उत्तर भारत (ब) दक्षिण भारत✔️
(स) महाराष्ट्र (द) पश्चिमोत्तर भारत
6. इनमें से कौन-सा कथन असत्य हैं:
(अ) भक्ति आन्दोलन हिन्दुओं की पराजित मनोवृत्ति की उपज है।
(ब) भक्ति आन्दोलन तत्कालीन धार्मिक परिस्थतियों की उपज है।
(स) दक्षिण में आती हुई भक्ति की धारा को पनपने के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ उत्तर भारत में थीं।
(द) भक्ति भावना ईसाइयों से हिन्दुओं की प्राप्ति हुई।✔️
7. संत कवियों ने वैदिक परम्पराओं की आलोचना किसके प्रभाव से की:
(अ) बौद्ध धर्म✔️ (ब) जैन धर्म
(स) नाथ पंथ (द) सिद्ध सम्प्रदाय
8. ’दिव्य प्रबन्धम’ किसके पदों का संकलन हैं:
(अ) आलवार भक्त✔️ (ब) शंकराचार्य
(स) रामानन्द (द) रामानुजाचार्य
9. कबीर काव्य में उपलब्ध कुण्डलिनी योग के शब्द किसके प्रभाव से गृहीत हैं:
(अ) सिद्ध सम्प्रदाय (ब) नाथ पंथ✔️
(स) बौद्ध धर्म (द) इनमें से कोई नहीं
10. आलवार भक्तों के पद किस भाषा में है:
(अ) बांग्ला (ब) तमिल✔️
(स) हिन्दी (द) उर्दू
11. सन्त कवियों के दार्शनिक सिद्धान्तों का मूल आधार क्या है:
(अ) शुद्धाद्वैत (ब) अद्वैत वेदान्त✔️
(स) नाथ पंथ (द) बौद्ध सम्प्रदाय
12. ’बीजक’ में किस कवि की रचनाएँ संकलित हैं:
(अ) सूरदास (ब) मलूकदास
(स) कबीरदास✔️ (द) रामानन्द
13. इनमें से कौन-सी प्रवृत्ति संत काव्य नहीं है:
(अ) गुरु की महत्ता (ब) रहस्यवादी भावना
(स)बाह्माडम्बरों का खण्डन (द) वर्ण व्यवस्था का समर्थन✔️
14. ’द्वैताद्वैतवाद’ के प्रवर्तक आचार्य का क्या नाम हैं:
(अ) रामानुजाचार्य (ब) निम्बार्काचार्य✔️
(स) बल्लभाचार्य (द) मध्वाचार्य
15. ’समाधि जोग’ ग्रन्थ किस सन्त कवि की रचना हैं:
(अ) रैदास (ब) हरिदास निरंजनी✔️
(स) मलूकदास (द) दादू
16. राघवानन्द जी किस प्रमुख व्यक्ति के गुरु थे:
(अ) कबीर (ब) रामानन्द✔️
(स) सूरदास (द) मध्वाचार्य
17. ’सिद्धान्त पंचमात्रा’ ग्रन्थ के रचयिता कौन थे:
(अ) रामानन्द (ब) बल्लभाचार्य
(स) नंददास (द) राघवानन्द✔️
18. ’सुन्दर ग्रन्थावली’ का संकलन किसने किया हैं:
(अ) बाबू श्यामसुन्दर दास (ब) पीताम्बरदत्त बङथ्वाल
(स) पुरोहित हरिनारायण शर्मा✔️ (द) गोविन्द रजनीश
19. कबीर काव्य में उपलब्ध अहिंसा का तत्व किस सम्प्रदाय की देन हैं:
(अ) वैष्णव सम्प्रदाय✔️ (ब) बौद्ध सम्प्रदाय
(स) जैन सम्प्रदाय (द) नाथ सम्प्रदाय
20. कबीर में उपलब्ध ज्ञान मार्ग की बातें आचार्य शुक्ल के अनुसार कहाँ से ली गई हैं:
(अ) हिन्दू शास्त्रों से✔️ (ब) बौद्ध धर्म से
(स) सिद्धों की वाणी से (द) नाथ पंथ से
21. कबीर काव्य में उपलब्ध प्रेम तत्व किसकी देन है:
(अ) वैष्णव सम्प्रदाय (ब) नाथ सम्प्रदाय
(स) सूफी सम्प्रदाय✔️ (द) रामावत सम्प्रदाय
22. आचार्य शुक्ल ने निर्गुण मार्ग का निर्दिष्ट प्रवर्तक किसे माना हैं:
(अ) रामानन्द (ब) नामदेव
(स) कबीर✔️ (द) ज्ञानदेव
23. ’ज्ञान समुद्र’ के रचनाकार का नाम बताइए –
(अ) हरिदास निरंजनी (ब) गुरूनानक
(स) सुंदरदास✔️ (द) पीपा
24. इनमें से दादूदयाल का शिष्य कौन-सा कवि हैं ?
(अ) कबीर (ब) नानक
(स) हरिदास (द) सुंदरदास✔️
25. कबीर विरचित ’’दुलहिनी गावहु मंगलाचार, हम घर आयेहु राजा राम भरतार।’’ जैसे पद किस श्रेणी में रखे जा सकते हैं –
(अ) शृंगार रस (ब) लोकाचार संबंधी ज्ञान
(स) परम्परा पोषक (द) भावात्मक रहस्यवाद✔️
26. कबीर की समस्त रचनाओं का सम्पादन किस ग्रंथ में हुआ हैं ?
(अ) कबीर वाणी (ब) साखी
(स) सबद (द) बीजक✔️
27. ’कबीर परिचई’ के लेखक कौन हैं ?
(अ) रैदास (ब) अनन्तदास✔️
(स) धन्ना (द) पीपा
28. रज्जब ने दादू की रचनाओं का संपादन किस नाम से किया ?
(अ) हरणे बानी (ब) सोहिला
(स) अंगबधू✔️ (द) जपूजी
29. नामदेव जी की भक्ति किस प्रकार की थी ?
(अ) सगुण (ब) निर्गुण
(स) सगुण-निर्गुण✔️ (द) कोई नहीं
30. ’’निर्गुण ब्रह्मा को कियो समाधु, तब ही चले कबीरा साधु।’’ उपर्युक्त पंक्तियांे के रचनाकार कौन से संत कवि हैं –
(अ) दादू✔️ (ब) कबीर
(स) रैदास (द) धर्मदास
31. ’’सो जोगी जाके मन में मुद्रा, रात दिवस न करई निद्रा।’’ पंक्तियों के रचयिता कौन हैं ?
(अ) रैदास (ब) कबीर✔️
(स) रज्जब (द) मलूकदास
32. ’’अपना मस्तक काटिकै वीर हुआ कबीर। पंक्ति के कवि हैं ?
(अ) कबीर (ब) सुंदरदास
(स) दादू✔️ (द) पीपा
33. मुहम्मदबोध के रचयिता हैं –
(अ) कबीर✔️ (ब) दादू
(स) रैदास (द) नामदेव
34. कबीर की मृत्यु के पश्चात उनकी गद्दी किसे मिली?
(अ) धर्मदास✔️ (ब) पीपा
(स) दादू (द) रैदास
35. ’नैया बिच नदिया डूबति जाय’ पंक्ति के रचयिता हैं-
(अ) दादू (ब) पीपा
Guys, does anyone know the answer?