जागना भी कबूल है रात भर आपके साथ बात करने में जो सुकून है वो नींद में कहां..
Mohammed
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जागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर
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जागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहॉ
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किसी एक की रातें तो सुकून से गुजरे
दोनों काफी हैं सुकून बर्बाद करने को
मेरा इश्क भी तुम मेरा जूनून भी तुम
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे
तुझे करने है बेवफाई तो इस अदा से कर
कि तेरे बाद कोई बेवफा न लगे
खरीदार दर्द दे गया और दिल भी दे गया
क्या खुशी ढूंढ रहा है जब सुकून नहीं है
अजीब बात है की यह बात भी जिन्दा लोगो ने कही
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहॉ
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर
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जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ।
खुद औरों को दर्द दिये फिरतें है,
और कहतें है सुकून भरी बाँहों की तलाश है हमे।
काश एक सिरहाना ऐसा भी हो,
जहाँ मेरे गम सर रख कर सुकून से सो सके,
काश एक कमरा ऐसा भी हो,
जहाँ मेरी आँखे चीख-चीख कर रो सके।
थोड़ा सुकून भी जरूरी है ज़िन्दगी मे,
यह जरूरते तो कभी ख़तम नहीं होती।
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे,
खरीदार दर्द दे गया और दिल भी दे गया।
मेरी हर खता पर नाराज़ न होना,
अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना,
सुकून मिलता है देखकर आपकी मुस्कराहट को,
मुझे मौत भी आये तो भी मत रोना।
हमसे मत पूछना ख़्वाबों की क़ीमत,
बहुत ख़्वाबों को पाला है हमने भी सुकून बेच कर।
जहाँ भी ज़िक्र हुआ सुकून का,
वहीँ तेरी बाहोँ की तलब लग जाती हैं।
एक सुकून की तलाश में,
जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,
और लोग कहते हैं हम बड़े हो गए,
हमने जिंदगी संभाल ली।
बचपन जो गया, सुकून साथ ले गया,
चुनौतियों और जिम्मेदारियों का बोझ दे गया।
अब बड़े हो गए तो ये जान चुके है की,
इंसान या तो सुकून में रह सकता है या बड़े घर में।
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एहसास
Ehsaas e zindagi shayari in hindi. एहसास-ए-ज़िंदगी पर ये हैं 20 चुनिंदा शेर।. Read more about ehsaas e zindagi shayari, ehsaas shayari, ehsaas shayari hindi on amar ujala kavya.
एहसास-ए-ज़िंदगी पर ये हैं 20 चुनिंदा शेर...
रत्नेश मिश्र
Kavya Charcha
एहसास यानि आपकी अनुभूतियां। अनुभूतियां जब शब्दों के साथ लय और तुक में ढलने लग जाती हैं तो वे हमारे सामने शायरी या कविता के रूप में दिखाई-सुनाई पड़ती हैं। क्योंकि शायर या कवि अपनी कल्पनाशक्ति और भाषिक योग्यता के बल पर जीवन के कई ओर-छोर को लयात्मकता में ढालता है। पेश है एहसास-ए-ज़िंदगी पर 20 चुनिंदा शेर...
निगाहों में चमक दिल में ख़ुशी महसूस करता हूँ
कि तेरे बस में अपनी ज़िंदगी महसूस करता हूँ
-क़तील शिफ़ाईजागना भी कबूल है तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ
-अज्ञातसब अपने आईने उसने मुझी को सौंप दिए
उसे शिकस्त का एहसास था बहुत गहरा
- फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ीअपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को
मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं
- आसी उल्दनीमुझ को एहसास है लेकिन तुझे एहसास नहीं
तेरे दामन की हवा मेरे लिए रास नहीं
- नरेश कुमार शादइसी कमी का है एहसास और हैरानी
हैं और तो सभी मौजूद हम किधर गए हैं
- ज़फ़र इक़बालमुझे ये डर है दिल-ए-ज़िंदा तू न मर जाए
कि ज़िंदगानी इबारत है तेरे जीने से
- ख़्वाजा मीर 'दर्द'मिले जब तुम तो ये एहसास जागा
अब आगे का सफ़र तन्हा नहीं है
- अब्दुल्लाह जावेदख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे
- बशीर बद्रमेरी बहकी हुई बातों का बुरा मत मानो
मेरे एहसास को तहज़ीब कुचल देती है
- अख़्तर पयामीमेरे एहसास में कोहराम मचा है लेकिन
कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती मुझ को
- क़तील शिफ़ाईमेरे एहसास पे भी बर्फ़ जमी है जैसे
आँच देता नहीं जज़्बात को कोई मौसम
- शाहिद अख़्तरअपने एहसास की तहरीक पे शरमाती हुई
अपने क़दमों की भी आवाज़ से कतराती हुई
- वसीम बरेलवीइतनी तन्हाई का एहसास मुसलसल हो अगर
अपने साए से भी डर जाता है इंसाँ जानाँ
- अमानुल्लाह ख़ालिदपहले भी कभी नूर का एहसास हुआ था
या आज ही इस ग़म से ख़बर-दार हुए हो
- शहज़ाद अहमदइतना सन्नाटा कि एहसास का दम घुटता है
सुब्ह का ज़िक्र करो शाम की कुछ बात करो
- अरशद सिद्दीक़ीएक हल्की सी चुभन एहसास को घेरे रही
गुफ़्तुगू में जब तुम्हारा ज़िक्र आया इस तरफ़
- नोशी गिलानीइक उम्र से रोया हूँ न तड़पा हूँ में 'शहज़ाद'
एहसास का बादल कभी बरसा है न गरजा
- शहज़ाद अहमदकौन था जो मिरे एहसास को रौशन करता
उम्र भर सिर्फ़ मिरा दिल ही जला है मुझ में
- मसूदा हयातवो रफ़्ता रफ़्ता ज़िंदगी से दूर क्या हुए
एहसास ज़िंदगी का भी मरता चला गया
- शौक़ मुरादाबादीआगे पढ़ें
3 YEARS AGO
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