हिंदी में लिखी गई संविधान की मूल प्रति पर संविधान सभा ने कब हस्ताक्षर किए?
Mohammed
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Constitution Day: संविधान की हस्तलिखित मूलप्रति में राम, सीता, लक्ष्मण से लेकर इनकी हैं दुर्लभ तस्वीरें
मेरठ. आज 26 नवंबर को पूरा देश 70वां संविधान दिवस (Constitution Day) मना रहा है. पूरे देश में आज के दिन विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं. ऐसे ख़ास मौके पर हम आपको हाथ से लिखे संविधान की मूलप्रति दिखाएंगे. भारतीय संविधान की मूलप्रति वैसे तो भारतीय संसद में संरक्षित है, लेकिन उस मूल प्रति की फोटो कॉपी मेरठ कॉलेज (Meerut College) के विधि विभाग की लाइब्रेरी में रखी गई है. meerut hand written photo copy of indian constitution has photos oaf ram sita, laxman and others upum upat
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CONSTITUTION DAY: संविधान की हस्तलिखित मूलप्रति में राम, सीता, लक्ष्मण से लेकर इनकी हैं दुर्लभ तस्वीरें
CONSTITUTION DAY: संविधान की हस्तलिखित मूलप्रति में राम, सीता, लक्ष्मण से लेकर इनकी हैं दुर्लभ तस्वीरें Constitution Day: संविधान की हस्तलिखित मूलप्रति में राम, सीता, लक्ष्मण से लेकर इनकी हैं दुर्लभ तस्वीरें
मेरठ में संविधान की मूलप्रति को देखते छात्र
संविधान (Indian Constitution) की हस्तलिखित मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें हैं. फंडामेंटल राईट के तृतीय भाग में राम, सीता और लक्षमण की तस्वीर है.
NEWS18 UTTAR PRADESH
LAST UPDATED : NOVEMBER 26, 2019, 13:46 ISTFollow us on उमेश श्रीवास्तव
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मेरठ. आज 26 नवंबर को पूरा देश 70वां संविधान दिवस (Constitution Day) मना रहा है. पूरे देश में आज के दिन विशेष कार्यक्रम हो रहे हैं. ऐसे ख़ास मौके पर हम आपको हाथ से लिखे संविधान की मूलप्रति दिखाएंगे. भारतीय संविधान की मूलप्रति वैसे तो भारतीय संसद में संरक्षित है, लेकिन उस मूल प्रति की फोटो कॉपी मेरठ कॉलेज (Meerut College) के विधि विभाग की लाइब्रेरी में रखी गई है. मेरठ कॉलेज में कुछ दिन पहले ही हस्तलिखित संविधान की प्रति आई है. संविधान की इस मूल प्रति को जो भी देखता है वो इस पुण्य ग्रंथ को नमन करता है.मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरेंसंविधान की हस्तलिखित मूल प्रति में कई दुर्लभ तस्वीरें हैं. फंडामेंटल राईट के तृतीय भाग में राम, सीता और लक्षमण की तस्वीर है. इसके अलावा अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण की भी तस्वीर है. महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, टीपू सुल्तान, लक्ष्मीबाई की भी तस्वीर. फंडामेन्टल राइट तृतीय भाग में राम लक्ष्मण सीता जी की तस्वीर से शुरु होता है. भारतीय संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा गया है. प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथों से लिखा था संविधान. इसमें प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के भी हस्ताक्षर इस मूल प्रति में मौजूद हैं.
संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गईसंविधान दिवस यानि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया था. इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया. संविधान की मूल प्रति भारतीय संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गई है. संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखी गई है. इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट नहीं है. मेरठ कॉलेज की लाइब्रेरी में अंग्रेजी में लिखी गई मूल प्रति की फोटो कॉपी रखी गई है. जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था. रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है. संविधान को बनाने में दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, लेकिन उसे लिखने में छह महीने लगे. लाइब्रेरी में हाथ से लिखे संविधान के हर पन्ने पर प्रेम लिखा है.
संविधान की मूलप्रति में राम, सीता और लक्ष्मण की तस्वीर
मूल संविधान में दस पेज पर सभी के हस्ताक्षरसंविधान सभा के 284 सदस्यों मे 24 जनवरी 1950 को संविधान पर हस्ताक्षर किए थे. मूल संविधान में दस पेज पर सभी के हस्ताक्षर हैं. मूल प्रति में 14 भाषाएं और आठ अनुसूची के बाद सबसे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को हस्ताक्षर करना था, लेकिन मूल प्रति में अनुसूची के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के हस्ताक्षर हैं. इसकी वजह से राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर उनसे ऊपर बगल में कराए गए. मूल प्रति में करीब 46 लोगों ने हिंदी में अपने हस्ताक्षर किए हैं. इनमें पहला हिंदी में हस्ताक्षर तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का है. संविधान लिखने के लिए रायजादा ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था. हर पेज पर नाम लिखने की शर्त रखी थी, जो सभी पेजों पर दिखता है. संविधान की मूल प्रति देखने से छात्र भारतीय परंपरा, धर्म और संस्कृति को भी महसूस कर सकेंगे. मूल प्रति देखकर छात्रों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है.
अर्जुन को उपदेश देते भगवान श्रीकृष्ण
मेरठ कॉलेज की लाइब्रेरी में रखे संविधान की मूल प्रति की कॉपी में संविधान सभा के सदस्यों के वास्तविक हस्ताक्षर को देखा जा सकता है. प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस और विश्व भारती शांति निकेतन के कलाकारों की बनाई तस्वीरों को भी देखा जा सकता है. संविधान में मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त व मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्रों को देखा जा सकता है.
संविधान की मूल प्रति को क्यों गैस चेंबर में रखा जाता है? गणतंत्र दिवस पर जानिए अनसुने तथ्य
आखिर संविधान की मूल प्रति कहां है और इसे किस तरह रखा गया है? भारत के संविधान की तीन मूल प्रतियां हैं और इन्हें संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रखा गया है. | Why the original copy of the constitution is kept in the gas chamber
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संविधान की मूल प्रति को क्यों गैस चेंबर में रखा जाता है? गणतंत्र दिवस पर जानिए अनसुने तथ्य
संविधान की मूल प्रति को क्यों गैस चेंबर में रखा जाता है? गणतंत्र दिवस पर जानिए अनसुने तथ्य आखिर संविधान की मूल प्रति कहां है और इसे किस तरह रखा गया है? भारत के संविधान की तीन मूल प्रतियां हैं और इन्हें संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रखा गया है.
TV9 HINDI |
JAN 26, 2021 | 2:28 AM IST IST
भारत का संविधान (Constitution of India) 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया था. भारत का संविधान तैयार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को एक प्रारूप समिति बनाई गई थी. इसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे. संविधान से जुड़ी ऐसी कई बाते हैं जो हमारे लिए अनुसीनी हैं. इन बातों को जानकर हम हैरान हो जाएंगे. उन्हीं में से एक यह जानकारी भी है कि आखिर संविधान की मूल प्रति कहां है और इसे किस तरह रखा गया है? भारत के संविधान की तीन मूल प्रतियां हैं और इन्हें संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रखा गया है. संविधान की मूल प्रति किसी भी हाल में खराब न हो इसलिए इसे हीलियम गैस से भरे एक बॉक्स में रखा जाता है.
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भारत का संविधान
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भारत का संविधान
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भारत का संविधान
उद्देशिकाभाग [दिखाएँ] अनुसूचियाँ [दिखाएँ] परिशिष्ट [दिखाएँ] संशोधन [दिखाएँ] सम्बन्धित विषय [दिखाएँ] देवासं
भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।[1][2] [3] भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है।[4][5] भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम १९३५(1935) को माना जाता है।[6] भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।[7]अनुक्रम
1 संविधान सभा 2 संक्षिप्त परिचय
2.1 भारतीय संविधान के भाग
3 इतिहास
4 भारतीय संविधान की संरचना
4.1 अनुसूचियाँ 5 आधारभूत विशेषताएँ 5.1 सम्प्रभुता 5.2 समाजवादी 5.3 पन्थनिरपेक्ष 5.4 लोकतान्त्रिक 5.5 शक्ति विभाजन
5.6 संविधान की सर्वोच्चता
5.7 भारतीय संविधान में कुछ विभेदकारी विशेषताएँ भी हैं
6 संविधान की प्रस्तावना
7 संविधान भाग 3 व 4 : नीति निर्देशक तत्त्व
8 भाग 4 क : मूल कर्तव्य
9 संशोधन 10 इन्हें भी देखें
11 महत्वपूर्ण अनुच्छेद
12 सन्दर्भ 13 बाहरी कड़ियाँ
संविधान सभा
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय संविधान सौंपते हुए डॉ॰ बी आर अम्बेडकर, 26 नवम्बर 1949
जवाहरलाल नेहरू संविधान पर हस्ताक्षर करते हुए
भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में निर्वाचन हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी। इसके तत्काल बाद देश दो भागों - भारत और पाकिस्तान में बँट गया था। संविधान सभा भी दो हिस्सो में बँट गई - भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा।
भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में का समय लगा था।
संक्षिप्त परिचय
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में भी केवल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थीं। संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद राज्यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे परामर्श देने के लिए एक रूप होगा जिसका प्रमुख प्रधानमन्त्री होगा, राष्ट्रपति इस मन्त्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मन्त्रिपरिषद में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमन्त्री है जो वर्तमान में नरेन्द्र मोदी हैं।[8] मन्त्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक विधानसभा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक,आन्ध्रप्रदेश और तेलंगाना में एक ऊपरी सदन है जिसे विधानपरिषद कहा जाता है। राज्यपाल राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें निहित होगी। मन्त्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्यमन्त्री है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मन्त्रिपरिषद से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।
संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्य क्षेत्र कहा जाता है।
भारतीय संविधान के भाग
भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।
भाग विषय अनुच्छेद
भाग 1 संघ और उसके क्षेत्र (अनुच्छेद 1-4)
भाग 2 नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)
भाग 3 मूलभूत अधिकार (अनुच्छेद 12 - 35)
भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्त्व (अनुच्छेद 36 - 51)
भाग 4A मूल कर्तव्य (अनुच्छेद 51A)
भाग 5 संघ (अनुच्छेद 52-151)
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