chittaranjan locomotive works bharat ke kis rajya mein sthit hai
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Chittaranjan Locomotive Works of Indian Railways made world record produced 402 locomotives in the financial year 2018 19
भारतीय रेलवे की विनिर्माण इकाई चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) के लिए ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। एक वर्ष में सबसे अधिक इंजनों को बनाकर सीएलडब्ल्यू ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया... Chittaranjan Locomotive Works of Indian Railways made world record produced 402 locomotives in the financial year 2018 19 - Hindustan
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भारतीय रेलवे का चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने बना दिया यह विश्व रिकॉर्ड
भारतीय रेलवे का चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने बना दिया यह विश्व रिकॉर्ड
भारतीय रेलवे का चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने बना दिया यह विश्व रिकॉर्ड भारतीय रेलवे की विनिर्माण इकाई चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) के लिए ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। एक वर्ष में सबसे अधिक इंजनों को बनाकर सीएलडब्ल्यू ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया...
Drigrajलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 02 Mar 2020 11:00 AM
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भारतीय रेलवे की विनिर्माण इकाई चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) के लिए ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। एक वर्ष में सबसे अधिक इंजनों को बनाकर सीएलडब्ल्यू ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। पश्चिम बंगाल में स्थित चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 402 लोकोमोटिव इंजन का उत्पादन किया। सीएलडब्ल्यू ने 350 लोकोमोटिव के उत्पादन के अपने स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले उसने यह रिकॉर्ड 2017-18 के दौरान बनाया था।
Heartiest congratulations!!!
Chittaranjan Locomotive Works(CLW) for the recognition by Limca Book of Records for producing 402 electrical locomotives in FY 2018-19, the highest production record in the world. pic.twitter.com/jgWvtyRiNG
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) March 1, 2020
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आने पर महाप्रबंधक प्रवीण कुमार मिश्रा ने वित्त वर्ष 2018-19 में उल्लेखनीय उत्पादन के लिए CLW के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी है। अगर इस वित्त वर्ष की बात करें तो CLW ने 31 जनवरी 2020 तक 350 लोकोमोटिव का निर्माण कर चुका है।
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Minister for Railways
Minister of State in the Ministry of Railways
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चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका), जो दुनिया की एक प्रमुख रेलवे लोकोमोटिव निर्माता हैं, भारतीय रेलवे की प्रमुख उत्पादन इकाई रही है। चिरेका विद्युत इंजनों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने, रेल यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करने में अग्रणी रहा है। इस प्रकार चिरेका, भारतीय रेलवे को विद्युत लोकोमोटिव उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख प्रेरक बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चिरेका अपनी स्थापना के बाद से विभिन्न वर्ग के 11000 से अधिक इंजनों का निर्माण किया है जिसमें 2351 भाप इंजनों (1950-1968), 842 डीजल इंजनों (1968-1993) और सन 1961 से विभिन्न प्रकार के 8089 विद्युत इंजीनें शामिल हैं। भारतीय रेल द्वारा द्वारा उपयोग किए जाने वाले सभी विद्युत लोकोमोटिव का लगभग 90% चिरेका की असेंबली लाइनों से आया है।
चितरंजन रेलइंजन कारखाना (चिरेका) ने रेलवे बोर्ड के 485 इंजनों के उत्पादन लक्ष्य के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 486 लोकोमोटिव का उत्पादन करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि केवल 283 कार्य दिवसों में हासिल की गई है। यह किसी भी वित्तीय वर्ष में चिरेका द्वारा अब तक का सबसे अच्छा लोको उत्पादन प्रदर्शन है।
चिरेका को वर्ष 2021-22 के लिए साडीका/चेन्नई के साथ भारतीय रेल की सर्वश्रेष्ठ उत्पादन इकाई चुना गया और भुवनेश्वर में वार्षिक पुरस्कार समारोह के दौरान माननीय रेलमंत्री श्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 28 मई 2022 को सर्वश्रेष्ठ उत्पादन इकाई शील्ड प्रदान की गई।
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यह भारतीय रेल के पोर्टल, एक के लिए एक एकल खिड़की सूचना और सेवाओं के लिए उपयोग की जा रही विभिन्न भारतीय रेल संस्थाओं द्वारा प्रदान के उद्देश्य से विकसित की है. इस पोर्टल में सामग्री विभिन्न भारतीय रेल संस्थाओं और विभागों क्रिस, रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बनाए रखा का एक सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम है.
स्रोत : clw.indianrailways.gov.in
CLW चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कहाँ है, कब बना और यहाँ बनने वाले इंजन
"चित्तरंजन रेल कारखाना" भारत का एक इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाने वाला कारखाना है| CLW ने खुद को स्टीम लोकोमोटिव के निर्माता से डीजल लोकोमोटिव और अंततः
CLW चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कहाँ है, कब बना और यहाँ बनने वाले इंजन
चि.रे.का वर्षों में सबसे कुशल, आशाजनक और विश्वसनीय लोकोमोटिव निर्माताओं में से एक साबित हुआ है| इसने खुद को स्टीम लोकोमोटिव के निर्माता से डीजल लोकोमोटिव और अंततः आधुनिक उच्च शक्ति, इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माता के रूप में बदला है| आइये जानते हैं चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स की कुछ अहम् जानकारियां|
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कहाँ पर स्थित है?
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कब बना और इसका नाम कैसे पड़ा?
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स CLW में बने रेल इंजन
CLW में विद्युत् रेल इंजिनों का निर्माण
CLW Full Form in Railway: Chittaranjan Locomotive Works
चित्तरंजन रेल कारखाना को "चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स", "CLW", "चि.रे.का", "चित्तरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री", "चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्कशॉप" नाम से पुकारा जाता है|
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कहाँ पर स्थित है?
"चित्तरंजन रेल कारखाना" भारत का एक इलेक्ट्रिक रेल इंजन बनाने वाला कारखाना है| यह पश्चिम बंगाल के आसनसोल सदर सब-डिवीज़न में चित्तरंजन में स्थित है| यह आसनसोल से 32 किलोमीटर और कोलकाता से 237 किलोमीटर दूर है| इसकी एक सहायक इकाई दनकुनि में भी है| चि.रे.का दुनिया की सबसे बड़ी लोकोमोटिव निर्माता इकाई है| वर्ष 2019-2020 में यहाँ पर रिकॉर्ड 431 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ|
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स कब बना और इसका नाम कैसे पड़ा?
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी, नेता और राजनेता देशबंधु चित्तरंजन दास के नाम पर रखा गया है| 1948 में चीफ इंजीनियर श्री एम.गणपति के नेतृत्व में "लोको बिल्डिंग फैक्ट्री" के नाम से स्थापित इस फैक्ट्री की आधारशिला रखी गयी थी|
26 जनवरी 1950 को जब राष्ट्र ने अपने सविंधान की स्थापना करते हुए गणराज्य की स्थापना की थी, ठीक उसी समय बंगाल के एक छोटे से गाँव में देशबंधु चितरंजन दास की पत्नी श्रीमती बसंती देवी द्वारा इस लोकोमोटिव बिल्डिंग फैक्ट्री का प्रथम उत्पादन कार्य का शुभारम्भ किया गया| प्रथम दिन से ही राष्ट्र निर्माण के लिए उत्साहित एवं समर्पित इस संस्थान द्वारा शुरुआत के 280 दिनों में 1 नवंबर 1950 को "देशबंधु" नाम के पहले स्टीम इंजन का अनावरण किया गया| इस स्टीम रेल इंजन को भारत के राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया गया था और उसी दिन इस फैक्ट्री का नाम बदलकर प्रसिद्ध देशभक्त और समाजसेवी श्री देशबंधु चित्तरंजन दास के नाम पर "चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना" या "चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स" रखा गया|
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) में बने रेल इंजन
CLW एक ऐसा कारखाना है जो समय के साथ-साथ भारत के गणराज्य की तरह मजबूत और प्रगतिशील संस्थान बनकर उभरा है| 26 जनवरी 1950 से आरम्भ, चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स का शुरूआती उत्पादन स्टीम लोकोमोटिव था| 1950 से 1972 के बीच चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने 2351 स्टीम लोकोमोटिव की कुल संख्या निकाली| 1972 में निर्मित अंतिम स्टीम इंजन को चिन्हित करने के लिए यहीं पर बने देशबंधु लोको पार्क में "अंतिम सितारा" नाम के इस अंतिम स्टीम इंजन को गर्व से सरंक्षित किया गया है|
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्कशॉप में 1968 से 1993 तक CLW ने 842 डीजल इंजिनों का उत्पादन किया और 1961 से मार्च 2020 तक कुल 7212 विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल इंजिनों का उत्पादन किया है| स्टीम इंजन से डीजल इंजन और फिर समय की जरुरत और मांग के अनुसार इलेक्ट्रिक इंजिनों तक पहुंचे इस कारखाने में 14 अक्टूबर 1961 को पहले WCM 5 DC इलेक्ट्रिक लोको "लोकमान्य", इसके बाद 16 नवंबर 1963 को पहला WAG 1 AC इलेक्ट्रिक लोको, "विधान" का निर्माण किया गया| आगे चलकर 06 जनवरी 1968 में पहला DG हाइड्रोलिक शंटर, "इंद्रप्रस्थ" का निर्माण किया गया था|
CLW में विद्युत् रेल इंजिनों का निर्माण
विद्युत् रेल इंजन के निर्माण में चि.रे.का ने समय अनुसार वृद्धि की है| सर्व प्रथम 1961 में विदेश की इंग्लिश इलेक्ट्रिक से तकनिकी करार के अंतर्गत 3000 हॉर्स पावर के विद्युत् रेल इंजन का निर्माण शुरू किया गया था, जो कि 1970 में बढ़ाकर 4000 HP का किया गया| चिरेका ने 1997 तक स्वदेशी तकनीक से निर्मित 5000 HP का WAP 4 रेल इंजन बनाया|
1998 से यहाँ पर विश्व में उपलब्ध उन्नत GTO तकनीक को अपनाकर, मेस्सेर्स ABB के संग समझौता कर तीन फेज की तकनीक पर आधारित 6000 HP के WAG 9 विद्युत् इंजन "नवयुग" का निर्माण किया गया| यह GTO तकनीक रि-जनरेटेड पावर का इस्तेमाल कर विद्युत् ऊर्जा की खपत को कम करता है| 6000 हॉर्स पावर मालवाही रेल इंजन WAG 9 में तकनिकी सुधार कर बाद में इसे सवारी गाड़ियों के संचालन हेतु प्रशस्त किया गया, जो कि आज WAP 7 रेल इंजन के नाम से जाना जाता है| 10 मई 2000 को इस प्रथम रेल इंजन का निर्माण किया गया था और इस रेल इंजन की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बरकरार रही है| बाद में चिरेका ने विद्युत् रेल इंजन निर्माण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचा, जिसमें WAP 7 HS रेल इंजन जिसका ट्रायल रन सफलता पूर्वक 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार पर पूरा हुआ है| यह WAP 7 विशेष रूप से काफी शक्तिशाली रेल इंजन है जो उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के 24 कोच तक को खींचने की क्षमता रखता है|
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