dastavejon ko digital form mein rakhne ke liye bharat sarkar ki app ka naam kya hai
Mohammed
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डिजीलॉकर
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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,
भारत सरकार
मौलिक संस्करण दिसम्बर 2015; 7 वर्ष पहले
स्थिर संस्करण
एंड्रॉइड 6.5.2 अप्रैल 1, 2021; 23 महीने पहले
आईओएस 2.4.0 मार्च 22, 2021; 23 महीने पहले
प्रचालन तंत्र एंड्रॉइड आईओएस आकार 21 MB (एंड्रॉइड) 62.9 MB (आईओएस) प्रकार डिजिटलीकरण लाइसेंस फ्रीवेयर
जालस्थल digilocker.gov.in
डिजीलॉकर, एक भारतीय डिजिटलीकरण ऑनलाइन सेवा है जो इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार द्वारा अपनी डिजिटल भारत पहल के तहत प्रदान की जाती है। डिजीलॉकर प्रत्येक आधार धारक को इन प्रमाण पत्रों के मूल जारीकर्ताओं से डिजिटल दस्तावेज़ में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, शैक्षणिक मार्क शीट जैसे प्रामाणिक दस्तावेजों / प्रमाण पत्रों का उपयोग करने के लिए क्लाउड में एक खाता प्रदान करता है। यह विरासत दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियों को अपलोड करने के लिए प्रत्येक खाते में 1GB भंडारण स्थान भी प्रदान करता है।[1]यह सुविधा पाने के लिए बस उपयोगकर्ता के पास भारत सरकार द्वारा प्रद्दत आधार कार्ड होना चाहिए। अपना आधार अंक डाल कर उपयोगकर्ता अपना डिजिलॉकर खाता खोल सकते हैं और अपने जरूरी दस्तावेज़ सुरक्षित रख सकते हैं। आधार अंक की अनिवार्यता होने की वजह से यह तय किया गया है। कि इस सरकारी सुविधा का लाभ सिर्फ भारतीय नागरिक ही ले सकें और जिसका भी खाता हो, उसके बारे में सभी जानकारी सरकार के पास हो। कोई भी ठग, झूठा और अप्रमाणित व्यक्ति इसका उपयोग ना कर सके इसके लिये आधार कार्ड होने की अनिवार्यता बेहद आवश्यक है। क्योंकि आधार कार्ड भी भारत सरकार द्वारा पूरी जाँच पड़ताल के बाद ही जारी किया जाता है। इस तरह से इस प्रणाली के दुरुपयोग की संभावना बेहद कम हो जाती है। इस सुविधा की खास बात ये हैं कि एक बार लॉकर में अपने दस्तावेज अपलोड करने के बाद आप कहीं भी अपने प्रमाणपत्र की मूलप्रति के स्थान पर अपने डिज़िलॉकर की वेब कड़ी (यूआरएल) दे सकेंगे।[2]
भारत के संचार एवं आईटी मंत्रालय की शाखा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्मोगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) ने जुलाई २०१५ में डिजिटल लॉकर का बीटा संस्करण जारी किया है। इस संस्करण का नाम डिजीलॉकर रखा गया है।[3] यह विरासत दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करने के लिए प्रत्येक खाते में 1 जीबी भंडारण स्थान भी प्रदान करता है। फिलहाल यह वेबसाईट हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध है।
दिसंबर 2019 तक, डिजीलॉकर 149 जारीकर्ताओं से 372+ करोड़ से अधिक प्रामाणिक दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करता है। डिजीलॉकर पर 3.3 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं। 43 आवश्यकताकर्ता संगठन डिजीलॉकर के दस्तावेजों को स्वीकार कर रहे हैं।
अनुक्रम
1 कार्य-प्रणाली
2 डिजिटल लॉकर के लिए आईटी अधिनियम में संशोधन
3 सुविधाएं 4 सुरक्षा
5 राज्यों की भागीदारी
6 सन्दर्भ
कार्य-प्रणाली[संपादित करें]
डिजीटल लॉकर को खोलने के लिए आपको डिजिलॉकर की वेबसाइट पर जाकर अपना खाता खोलना होगा। पंजीकरण करने के लिए आपको मुख्यपृष्ठ पर () नामक बटन दबाना होगा और फिर नए खुले पृष्ठ पर अपने आधार कार्ड का नंबर डालना होगा। फिर आप ओटीपी या अंगुली के निशान के ज़रिए लॉगिन (अंदर प्रवेश) कर सकते हैं। लॉगिन होने के बाद आपसे जो सूचना मांगी जाए उसे भरें। इसके बाद आपका खाता बन जाएगा। खाता खुलने के बाद आप कभी भी इस पर अपने व्यक्तिगत दस्तावेज डाल (अपलोड कर) सकेंगे और बिना किसी शुल्क के सुरक्षित रख सकेंगे।
लेकिन आईडी बनाने के लिए आधार कार्ड नंबर से लॉगिन करने वाली शर्त को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। [4]
डिजिटल लॉकर के लिए आईटी अधिनियम में संशोधन[संपादित करें]
डिजिटल लॉकर केवल एक तकनीकी मंच नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारत सरकार ने डिजिटल लॉकर के लिए भी सूचना दी।[5] फरवरी 2017 में इन नियमों में किए गए संशोधन में कहा गया है कि डिजिटल लॉकर के माध्यम से प्रदान और साझा किए गए जारी किए गए दस्तावेज़ समान भौतिक प्रमाण पत्र के बराबर हैं।[6]
इस नियम के अनुसार, - (1) जारीकर्ता जारी करना शुरू कर सकते हैं और अनुरोध अधिनियम और नियमों के प्रावधानों के अनुसार भौतिक दस्तावेजों के साथ ग्राहकों के डिजिटल लॉकर खातों से साझा किए गए डिजिटल या (इलेक्ट्रॉनिक रूप से) हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र या दस्तावेजों को स्वीकार करना शुरू कर सकते हैं; वहाँ बनाया गया। (2) जब उप-नियम (1) में उल्लिखित ऐसे प्रमाणपत्र या दस्तावेज डिजिटल जारीकर्ता प्रणाली में जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए या धकेल दिए गए हैं और बाद में यूआरआई के माध्यम से एक अनुरोधकर्ता द्वारा एक्सेस या स्वीकार किए जाते हैं, तो इसे माना जाएगा इलेक्ट्रॉनिक रूप में सीधे जारीकर्ता।[7]
डिजीलॉकर में डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन आरसी कानूनी रूप से आईटी अधिनियम, 2000 के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वैध है।
सुविधाएं[संपादित करें]
डिजिटल लॉकर की सबसे बड़ी सुविधा ये हैं कि उपयोगकर्ता कहीं से भी और कभी भी अपने दस्तावेजों को इसके जरिए जमा कर सकते हैं। उन्हें निशुल्क सुरक्षित रख सकते हैं, किसी भी सरकारी काम जहाँ दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ देना अनिवार्य होता है वहाँ मूलप्रति या उसकी छायाप्रति देने की बज़ाय अपने लॉकर का यूआरएल दे सकते हैं। अधिकारी वहाँ से इन प्रमाणपत्रों को देख सकते हैं। इस तरह से भारतीय नागरिकों को हर जगह अपने ज़रूरी दस्तावेज लेकर घूमने की जरूरत नहीं है।[8] डिजिटल लॉकर स्कीम में हर भारतीय जिसके पास सरकार द्वारा ज़ारी अपना आधार अंक है अपने एकेडेमिक, चिकित्सकीय रिकॉर्ड, पासपोर्ट और पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों को डिजिटल स्वरूप में यहाँ सरकार की निगरानी में रख सकता है। यहाँ दस्तावेजों के डिजिटल स्वरूप से मतलब उनका चित्र है। मूल मुद्रित प्रति तो उस व्यक्ति के पास ही रहेगी, सिर्फ उसकी छायाप्रति ही वेबसाइट पर रखनी होगी। इसको ही डिज़िटल स्वरूप कहते हैं। वेबसाइट में कहा गया है, डिजिटल लॉकर अधिकृत उपभोक्ताओं/ एजेंसियों को किसी भी समय और कहीं भी अपने दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से अपलोड और साझा करने की सहूलियत देता है। [9]
डिजिलॉकर
यह भारत का राष्ट्रीय पोर्टल है जिसका विकास भारत सरकार के विभिन्न संगठनों द्वारा दी जा रही सेवाओं और सूचनाओं की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है।
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मुख्य पृष्ठडिजिलॉकर - ऑनलाइन दस्तावेज़ भंडारण सुविधा
डिजिलॉकर - ऑनलाइन दस्तावेज़ भंडारण सुविधा
डिजिटल लॉकर डिजिटल भारत कार्यक्रम
- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
के तहत प्रमुख पहलों में से एक है। इसका एक बीटा संस्करण इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई), भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। डिजिटल लॉकर का उद्देश्य भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान को सक्षम करना है।
इस पोर्टल की मदद से ई-दस्तावेजों का आदान-प्रदान पंजीकृत कोष के माध्यम से किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी। आवेदक अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को अपलोड कर सकते है और डिजिटल ई-साइन सुविधा का उपयोग कर उन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इन डिजिटली हस्ताक्षरित दस्तावेजों को सरकारी संगठनों या अन्य संस्थाओं के साथ साझा किया जा सकता है।
डिजिटल लॉकर प्रणाली के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
क्लाउड पर डिजिटल लॉकर प्रदान करने के द्वारा आवेदक का डिजिटल सशक्तिकरण
दस्तावेजों को ई-हस्ताक्षर सक्षम बनाकर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑनलाइन उपलब्ध बनाना जिससे भौतिक दस्तावेजों का उपयोग कम से कम हो
ई दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करके फर्जी दस्तावेजों के उपयोग को खत्म करना
वेब पोर्टल एवं मोबाइल अनुप्रयोग के माध्यम से नागरिकों को सरकार द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों का सुरक्षित अभिगम प्रदान करना
सरकारी विभागों और एजेंसियों के प्रशासकीय उपरिव्यय को कम करना एवं नागरिकों के लिये सेवा प्राप्त करना आसान बनाना
नागरिकों हेतु दस्तावेजों के कभी भी- कहीं भी पहुंच प्रदान करना
ओपन और इंटरऑपरेबल मानकों पर आधारित संरचना प्रदान करना जिससे अच्छी तरह से संरचित मानक दस्तावेज़ के माध्यम से विभागों और एजेंसियों के बीच दस्तावेजों को आसानी से साझा किया जा सके
आवेदक के आंकड़ों लिए गोपनीयता और अधिकृत पहुँच सुनिश्चित करना
डिजिटल लॉकर प्रणाली के घटक
रिपोजिटरी ई दस्तावेजों का संग्रह है जो जारीकर्ता द्वारा एक मानक प्रारूप में अपलोड की गई और मानक एपीआई के द्वारा सुरक्षित तरीके से वास्तविक समय में खोज और उपयोग के लिये उपलब्ध है।एक्सेस गेटवे एक सुरक्षित ऑनलाइन तंत्र है जिससे अनुरोधकर्ता वास्तविक समय में यूआरआई (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स संकेतक) का उपयोग करके प्राप्त कर सकते हैं। यूआरआई एक कोष में जारीकर्ता द्वारा अपलोड की गई ई-दस्तावेज़ के लिए एक कड़ी है। यूआरआई के आधार पर गेटवे कोष का पता पहचान करेगा और उस कोष से ई-दस्तावेज को प्रस्तुत करेगा।डिजिटल लॉकर
प्रत्येक आवेदक के आधार से जुड़ा हुआ 10MB का समर्पित व्यक्तिगत भंडारण स्पेस, जहॉ सुरक्षित रूप से ई-दस्तावेजों एवं यूआरआई लिंक को संग्रहित एवं एक्सेस किया जा सके
अनुरोधकर्ताओं के साथ सुरक्षित ई-दस्तावेजों की साझेदारी
वर्तमान में वेब पोर्टल के माध्यम से सुलभ, भविष्य में मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भी सुलभ कराया जाएगा
डिजिटल दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए इंटीग्रेटेड ई-साइन सेवा (ई-साइन विवरणिका देखें)।
डिजिटल लॉकर पोर्टलआधार संख्या का उपयोग कर डिजिटल लॉकर के लिए साइन अप करने के लिए digitallocker.gov.in
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पर जाएँ।
आवेदक डिजिटल लॉकर प्रणाली पर पंजीकृत जारीकर्ता और अनुरोधकर्ताओं की सूची देख सकते हैं।
डिजिटल लॉकर का उपयोग कैसे करें
आवेदक के लिए जारीकर्ताओं के लिए
अनुरोधकर्ताओं के लिए
ई-साईन सेवा
डिजिलॉकर - अगला कदम
डिजिटल लॉकर प्रणाली का राष्ट्रीय रोलआउट
डिजिटल लॉकर प्रणाली मे शामिल होने के लिये सरकारी एजेंसियों एवं विभागों की पहचान
शासन संरचना के रूप में सर्वोच्च समिति, कोर समूह, डिजिटल लॉकर प्रबंधन कार्यालय (DLMO) और कार्यक्रम प्रबंधन इकाई की स्थापना
डिजिटल लॉकर सिस्टम के आर्किटेक्चर, कार्यान्वयन और आपरेशन के लिए कार्यान्वयन एजेंसी/एजेंसियों की पहचान
आत्मनिर्भर व्यापार का विकास
संबंधित लिंक्स
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
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डिजिलॉकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
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डिजिलॉकर लॉगिन
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डिजिलॉकर संसाधन
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स्रोत : www.xn--i1bj3fqcyde.xn--11b7cb3a6a.xn--h2brj9c
List of 5 Useful Government Apps : जरूरी! आपके फोन में ये 5 सरकारी Apps रहेंगे तो बहुत सारे काम हो जाएंगे
Useful Government Apps - डिजिटल युग में हर काम मोबाइल पर हो रहा है, ऐसे में आप भी अपने फोन में MyGov, Umang, mParivahan, mPassport Seva और Arogya Setu जैसे सरकारी ऐप जरूर रखें, क्योंकि क्या पता किस काम में इन मोबाइल ऐप्स की जरूरत पड़ जाए। जानें इन ऐप्स का क्या काम है और इससे आपका क्या फायदा होगा?
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जरूरी! आपके फोन में ये 5 सरकारी Apps रहेंगे तो बहुत सारे काम हो जाएंगे
Om Dheeraj | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 13 Dec 2020, 6:40 pm
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डिजिटल युग में हर काम मोबाइल पर हो रहा है, ऐसे में आप भी अपने फोन में MyGov, Umang, mParivahan, mPassport Seva और Arogya Setu जैसे सरकारी ऐप जरूर रखें, क्योंकि क्या पता किस काम में इन मोबाइल ऐप्स की जरूरत पड़ जाए। जानें इन ऐप्स का क्या काम है और इससे आपका क्या फायदा होगा?
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MyGov App से आप बहुत कुछ कर सकते हैंMyGov App केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की बहुत अच्छी पहल है, जिसकी साल 2014 के जुलाई महीने में शुरुआत हुई थी। इस डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिये आम लोग पॉलिसी मेकिंग में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं और सरकार को सलाह और सुझाव दे सकते हैं। इस प्लैटफॉर्म पर सरकारी योजनाओं की जानकारियां मिल सकती हैं और वे मंत्रालयों और विभिन्न विभागों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। दरअसल, यह ऐसी कोशिश है, जिसके जरिये सरकारी कामों में जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित कराई जा सकती है। लोगों को इस सरकारी ऐप और इसके इस्तेमाल के बारे में जानना जरूरी है। माई जीओवी ऐप के देशभर में 10 लाख से ज्यादा यूजर हैं।ये भी पढ़ें-नोकिया के पहले लैपटॉप Nokia PureBook X14 की भारत में इतनी कीमत, लॉन्च जल्दइस ऐप के बारे में हर मोबाइल यूजर्स को जानना जरूरी
mParivahan पर मिलेगी ये जानकारीमोबाइल ऐप mParivahan सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट और वीइकल के साथ ही सड़क यातायात नियमों और उनके उल्लंघन पर दंड से जुड़ी समग्र जानकारी के लिए लॉन्च किया था। इस ऐप पर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनाने से लेकर वीइकल मालिक के नाम, गाड़ी रजिस्ट्रेशन डेट, रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी, वीइकल एज, वीइकल क्लास, इंश्योरेंस वैलिटिडी, फिटनेस वैलिडिटी समेत कई और जानकारियां मिल जाती है। यह काफी यूजफुल ऐप है, जो आपके मोबाइल में हो तो बेहतर है। एमपरिवहन ऐप के 30 लाख से ज्यादा यूजर हैं।ये भी पढ़ें-गजब! Samsung Flagship Mobiles अब आसानी से किराये पर मिलेंगे, जानें कैसेरोड और ट्रांसपोर्ट से जुड़ी जानकारी इस ऐप में मिलेगी
mPassport Seva का क्या कामसरकार ने पासपोर्ट सर्विस सुगम करने के लिए mPassport नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसके जरिये आम लोग पासपोर्ट अप्लिकेशन, पासपोर्ट सेवा केंद्र के साथ ही पासपोर्ट बनवाने और स्टेटस से जुड़ीं तमाम जानकारियां हासिल कर सकते हैं। इस ऐप के जरिये पासपोर्ट बनाना काफी सुविधाजनक हो जाता है और छोटी-छोटी बात के लिए पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर काटने से लोग बच जाते हैं। भारत में कुल 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं, जहां जाकर लोग पासपोर्ट बनवा सकते हैं। भारत में 50 लाख से ज्यादा लोग mPassport Seva ऐप का इस्तेमाल करते हैं।ये भी पढ़ें-Amazon पर इस कंपनी के Earphones, Earbuds पर भारी छूट, देखें बेस्ट डीलपासपोर्ट बनाने और पासपोर्ट सेवा केंद्र से जुड़ी जानकारियां यहां हासिल करें
UMANG ऐप से काफी मदद मिलेगीUMANG (Unified Mobile Application for New age Governance) ऐप डिजिटाइजेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कोशिश है, जिसके जरिये मोबाइल की मदद से ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की कोशिश की जाती है। इस ऐप के जरिये लोगों को Healthcare, Finance, Education, Housing, Energy, Agriculture, Transport के साथ ही Employment और Skills की भी जानकारियां मिलती हैं। उमंग ऐप पर आप Aadhaar, DigiLocker और PayGov से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर सकते हैं।ये भी पढ़ें-10 हजार से भी कम में लॉन्च हो सकता है धांसू फोन Redmi 9 Power, देखें खूबियांआजकल सबसे ज्यादा जरूरी ऐप
Arogya Setu तो आजकल सबसे जरूरीकोरोना संकट काल में जिस एक ऐप की सबसे ज्यादा जरूरत लोगों ने महसूस की, वो है आरोग्य सेतु ऐप। इस ऐप के जरिये आपको आसपास के कोरोना संक्रमित लोगों के साथ ही कुल संक्रमित और बीमार लोगों की भी जानकारी मिलती है। साथ ही कोरोना केयर सेंटर और कोरोना से जुड़ी देश-दुनिया की तमाम जानकारियां ऑडियो-विडियो और न्यूज फॉर्म में मिलती है। चाहे ऑफिस हो या मॉल, हर जगह आपसे पूछा जाता है कि आरोग्य ऐप आपके फोन में है या नहीं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि आरोग्य सेतु ऐप कितना जरूरी है। आप भी अपने फोन में यह ऐप रखें और कोरोना से बचकर रहें।
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