if you want to remove an article from website contact us from top.

    samvidhan ke kis anuchchhed ke anusar chhuachhut ka unmulan kiya ja chuka hai

    Mohammed

    Guys, does anyone know the answer?

    get samvidhan ke kis anuchchhed ke anusar chhuachhut ka unmulan kiya ja chuka hai from screen.

    [Solved] भारतीय संविधान का कौन

    सही उत्तर अनुच्छेद - 17 है। Key Points अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता उन्मूलन सुनिश्चित करता है। अस्पृश्यता एक सामाजिक कलंक है जो कुछ जात

    Home General Knowledge Polity Basics of Constitution Fundamental Rights

    Question

    Download Solution PDF

    भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद छुआछूत उन्मूलन से संबधित है?

    This question was previously asked in

    BSSC CGL Previous year Official Paper 1 (Held on : 16 Feb 2015)

    Download PDF Attempt Online

    View all BSSC CGL Papers >

    अनुच्छेद - 14 अनुच्छेद - 15 अनुच्छेद - 17 अनुच्छेद - 18

    Answer (Detailed Solution Below)

    Option 3 : अनुच्छेद - 17

    Crack BSSC CGL with

    India's Super Teachers

    FREE

    Demo Classes Available*

    Explore Supercoaching For FREE

    Free Tests

    View all Free tests >

    FREE

    BSSC CGL Full Mock Test

    79.9 K Users

    150 Questions 600 Marks 135 Mins

    Start Now

    Detailed Solution

    Download Solution PDF

    सही उत्तर अनुच्छेद - 17 है।

    Key Pointsअनुच्छेद 17 अस्पृश्यता उन्मूलन सुनिश्चित करता है।

    अस्पृश्यता एक सामाजिक कलंक है जो कुछ जातियों में उनके जन्म के कारण लोगों के कुछ वर्गों पर लगाया गया था।

    Additional Informationअनुच्छेद 15 धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव के निषेध से संबंधित है।अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है।अनुच्छेद 18 उपाधियों के उन्मूलन को सुनिश्चित करता है।

    Download Solution PDF

    Share on Whatsapp

    Latest BSSC CGL Updates

    Last updated on Jan 31, 2023

    BSSC CGL Admit Card released. This is for the Re-Exam to be conducted on 5th March 2023. Earlier, the BSSC CGL exam conducted on 23rd December 2022 Shift 1 was cancelled because the BSSC CGL Paper was Leaked for the first phase of the exam that was scheduled to be conducted on 23rd December 2022.  The exam took place on 23rd and 24th December 2022. The  BSSC CGL is conducted for recruitment to various graduate level posts. Prepare for the exam through the BSSC CGL Previous Years’ Paper. Also, attempt the BSSC CGL Mock Tests.

    India’s #1 Learning Platform

    Start Complete Exam Preparation

    Daily Live MasterClasses

    Practice Question Bank

    Mock Tests & Quizzes

    Get Started for Free

    Download App

    Trusted by 3.8 Crore+ Students

    ‹‹ Previous Ques Next Ques ››

    More Basics of Constitution Questions

    Q1. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति देता है?Q2. किस समिति ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 को अधिनियमित करने का सुझाव दिया?Q3. भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा था?Q4. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में लिखा हुआ 'क़ानून के समक्ष समानता' किस देश के संविधान से लिया गया है?Q5. The only express limitation imposed on the power of retrospective legislation isQ6. Following is an important contentious issue between Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Act, 2013 and Present Amendment Bill, 2015:Q7. The Constituent Assembly of India was set-upQ8. Smt. Selvi Vs State of Karnataka is a landmark decision relating toQ9. Article 105 of the Constitution deals withQ10. Which of the following statements is true in respect of the Supreme Court and High Courts? (a) The High Courts have no original jurisdiction to protect fundamental rights. (b) The Supreme Court is an umpire in resolving inter-state disputes in all cases.  (c) The jurisdiction of High Courts under Article 226 is wider than that of the Supreme Courts under Article 32. (d) The jurisdiction of the Supreme Court under Article 32 is wider than that of High Courts under Article 226.

    More Polity Questions

    Q1. भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति देता है?Q2. इनमें से बिहार के प्रथम गवर्नर कौन थे?Q3. किस समिति ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 को अधिनियमित करने का सुझाव दिया?Q4. 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम कितनी आयु होना आवश्यक है?Q5. निम्नलिखित में से किसका संबंध भारत के सर्वोच्च न्यायालय से है?Q6. राज्य सभा में निम्न में से किसका प्रतिनिधित्व में शामिल है?Q7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 73वें संशोधन के बाद विकेन्द्रीकरण किया गया 1. निर्णय लेने की शक्तियों का 2. पूर्ण व्यवस्था का 3. न्यायिक शक्तियों का 4. प्रशासनिक शक्तियों का उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?Q8. राज्य का मंत्रिपरिषद् सामूहिक तौर पर किसके प्रति उत्तरदायी है?Q9. भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा था?Q10. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में लिखा हुआ 'क़ानून के समक्ष समानता' किस देश के संविधान से लिया गया है?

    स्रोत : testbook.com

    अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत

    भारतीय संविधान का भाग 3 मूलभूत अधिकार प्रदान करता है जिसमे अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का निवारण करके समता प्रदान करेगा एसा प्रावधान किया गया है।

    अनुच्छेद | भाग 3

    अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता का अंत | Article 17 Abolition of Untouchability In Hindi

    Mehul Joshi March 31, 2022 4 Comments Read in English

    पथ प्रदर्शन: भारतीय संविधान > भाग 3 : मूल अधिकार > समता का अधिकार > अनुच्छेद 17

    अनुच्छेद: 17 अस्पृश्यता का अंत (Abolition of Untouchability)

    अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है । ‘अस्पृश्यता’ से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा ।

    -संविधान के शब्द

    अनुच्छेद 17 का स्पष्टीकरण(Explanation)

    बिना किसी कारण कोई जाति के व्यक्ति के साथ सिर्फ उस जाति मे जन्म लेने से उसको नीचा मानना एसे सदियो से हमारे समाज मे चले आ रहे उच-नीच के भेदभाव, आभडछेड़, छूयाछूत की निंदनीय प्रथा को खतम करने के लिए इस अनुच्छेद को संविधान मे स्थान दिया गया।

    हम सब जानते है की ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष बाबासाहेब आंबेडकर थे जो एक दलित जाती से आते थे। जिससे वह एसी जाति के दर्द अच्छे से समज सकते थे।

    यह अनुछेद 17 संविधान मे लिखित सभी अधिकारो मे सिर्फ एक मात्र निरपेक्ष अनुच्छेद(Absolute Article) है। यानि की अस्पृश्यता का पालन किसी भी स्वरूप मे करना गैर संवैधानिक है।

    आपने पढ़ा होगा की अन्य सभी अधिकारो मे कोइना कोई अपवाद होता ही जबकि इस अनुच्छेद का कोई अपवाद नही है। मतलब की आप किसी भी परिस्थिति मे इसका उलंघन नही कर सकते।

    यह अनुच्छेद केवल राज्य के विरुद्ध नही प्राइवेट व्यक्तियो के भी विरुद्ध है और राज्य का संवेधानिक कर्तव्य है की इन अधिकारो का अतिलंधन रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये।(पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स केस)

    संविधान मे अस्पृश्यता रोकने के लिए अनुच्छेद 17 के साथ अनुच्छेद 15(2) के प्रावधान भी उपयोक्त है।

    भारतीय संविधान की उद्देशिका

    अस्पृश्यता क्या है? (What is Untouchability)

    भारतीय संविधान मे अस्पृश्यता की कोई व्याख्या नही दी हुई है और नही संसद द्वारा पारित किसी अधिनियम मे दी गई है इस शब्द का अर्थ सर्वविदित है।

    किन्तु मैसूर उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में इसके अर्थ को स्पष्ट किया है। न्यायालय ने कहा है कि

    “इस शब्द का शाब्दिक अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिये। शाब्दिक अर्थ में व्यक्तियों को कई कारणों से अस्पृश्य माना जा सकता है; जैसे-जन्म, रोग, मृत्यु एवं अन्य कारणों से उत्पन्न अस्पृश्यता। इसका अर्थ उन सामाजिक कुरीतियों से समझना चाहिये जो भारतवर्ष में जाति-प्रथा के सन्दर्भ में परम्परा से विकसित हुई हैं। अनुच्छेद 17 इसी सामाजिक बुराई का निवारण करता है जो जाति-प्रथा की देन है न कि शाब्दिक अस्पृश्यता का।”

    न्यायालय द्वारा दिये हुये चुकादे और निर्देश से कुछ कार्यो को अस्पृश्यता का पालन माना जाएगा जिसके लिए दंड का प्रावधान भी किया गया है।

    अस्पृश्यता माने जाने वाले कार्यो के उदाहरण

    (1) किसी व्यक्ति को किसी सामाजिक संस्था में जैसे अस्पताल, दवाओ के स्टोर, शिक्षण संस्था में प्रवेश न देना,

    (2) किसी व्यक्ति को सार्वजनिक उपासना के किसी स्थल(मंदिर,मज्जिद आदि) में उपासना या प्रार्थना करने निवारित करना,

    (3) किसी दुकान, रेस्टोरांत, होटल या सार्वजनिक मनोरंजन के किसी स्थान पर जाने पर पाबंधी लगाना या किसी जलाशय, नल या जल के अन्य स्रोत, मार्ग, श्मशान या अन्य स्थान के संबंध में जहां सार्वजनिक रूप में सेवाएं प्रदान की जाती हैं वहा जाने की पाबंधी लगाना।

    (4) अनुसूचित जाति(SC,ST,OBC) के किसी सदस्य का अस्पृश्यता के आधार पर अपमान करना

    (5) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अस्पृश्यता का उपदेश देना

    (6) इतिहास, दर्शन या धर्म को आधार मानकर या किसी जाती प्रथा को मानकर अस्पृश्यता को सही बताना। (धर्म ग्रंथ मे जातिवाद लिखा है तो मे उसका पालन कर रहा हु एसा नही चलेगा इसको भी अपराध माना जाएगा)

    क्या भारत में अस्पृश्यता का अंत करने के लिए कोई कानून है?

    यह मूलभूत अधिकार अपने आप लागू नही होता। संविधान लागू होने के 70 सालो बाद भी भारत मे कई जगहो पर अभी भी अस्पृश्यता का पालन होता। इसको रोकने के लिए संसद ने अनुच्छेद 35 मे दी हुई शक्ति का इस्तमाल करके कानून बनाए है।

    भारतीय संविधान के संशोधन की शक्ति, प्रकार और प्रक्रिया

    अस्पृश्यता अपराध अधिनियम (The Untouchability Offences Act 1955)

    प्रमुख प्रावधान

    यह एक दंडनीय अपराध होगा, जिसमे किसी भी तरीके से माफी नही दी जा सकेगी

    गुना साबित होने पर 6 मास का कारावास या 500 रूपिया जुर्माना या दोनों, हो सकते है।

    संसद या राज्यविधान के चुनाव मे खड़े हुये किसी उमेदवार पर आरोप साबित होता है तो उसको अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

    सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम

    इस अधिनियम मे आरोप साबित होने पर दंड बढ़ा कर दो साल का कारावास या 2000 रू. दंड या दोनो कर दिया। और कुछ कार्यो को जोड़ा गया जो आपने ऊपर उदाहरणो मे पढ़ लिया है।

    अगर मान ले की कोई एसा अस्पृश्यता का कार्य हुआ जो किसी कानून मे उल्लेखित नही है तो ऐसे से मामलो मे न्यायालय निर्णय देगी जिसको इस कानून मे समावेश करना होगा।

    और पढ़े: अनुच्छेद 14 अनुच्छेद 16 अनुच्छेद 18 अनुच्छेद 19

    स्रोत : theindianconstitution.com

    हमारा संविधान: अनुच्छेद

    वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया. इनके बारे में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

    भारत

    हमारा संविधान: अनुच्छेद-17 और 18, अस्पृश्यता और उपाधियों का उन्मूलन

    BY अवनि बंसल ON 10/06/2021

    साझा करें:

    WhatsApp Print More

    वीडियो: संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत जातिवाद के आधार पर होने वाली छुआछूत या अस्पृश्यता के भेदभाव को गैर-संविधानिक माना गया है. वहीं, अनुच्छेद 18 के तहत सभी प्रकार की उपाधि देने की व्यवस्था को ख़त्म कर दिया गया. इनके बारे में विस्तार से बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

    क्या आपको ये रिपोर्ट पसंद आई? हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं. हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें.

    साझा करें:

    WhatsApp Print More

    ये भी पढ़ें...

    हमारा संविधान: अनुच्छेद 29 और 30; अल्पसंख्यकों का सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार

    24/02/2022 In "भारत"

    हमारा संविधान: अनुच्छेद-15 भेदभाव के ख़िलाफ़ निषेध

    06/04/2021 In "भारत"

    हमारा संविधान: अनुच्छेद-21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अर्थ

    04/10/2021 In "भारत"

    स्रोत : thewirehindi.com

    Do you want to see answer or more ?
    Mohammed 11 day ago
    4

    Guys, does anyone know the answer?

    Click For Answer